Zwigato फिल्म में भी कपिल शर्मा बड़े पर्दे पर नही दिखा पाए अपना जादू, फिर हीरो से जीरो हुए साबित, जाने इसका कारण

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ज्विगाटो रिव्यु

Zwigato Review: कपिल शर्मा को तो हम सभी जानते ही हैं, जिस तरह से इन्होंने कॉमेडियन के रूप में अपनी एक खास जगह बनाई है. वह आज किसी से छुपी हुई नहीं है, लेकिन अक्सर देखा गया है कि, जब भी आप फिल्मों में ट्राई करते हैं तो यह ज्यादा सफल होते हुए नजर नही आते हैं.

ज्विगाटो रिव्यु

हाल ही में उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत किस किसको प्यार करूं फिल्म से की थी जो कि, ज्यादा सफल साबित नहीं हुई थी फिर भी उन्होंने खुद अपनी दूसरी फिल्म में बनाइ फिरंगी. इस फिल्म में कपिल की कलाकारी के साथ रंग फीके दिखाई दिए. 6 साल के बाद कपिल शर्मा ने फिर एक बार हिम्मत जुटाई है और उन्होंने नंदनी दास की फिल्मों के जरिए एक बार फिर दर्शकों के सामने आए हैं.

ज्विगाटो’ फिल्म की कहानी

ज्विगाटो रिव्यु

इस फिल्म के अंदर बाइक डिलीवरी ब्वॉय की भूमिका निभाते हुए दिखाई दे रहे हैं निर्देशक नंदिता दास का दावा है कि कपिल शर्मा की शक्ल एक आम आदमी सी है इसलिए उन्होंने फिल्म में कपिल को मौका दिया है फिल्म निर्देशक के रूप में नंदिता दास की तीसरी फिल्म है और बतौर अभिनेता पिन शर्मा की है तीसरी फ़िल्म थी जो कि 17 मार्च को रिलीज हो चुकी है लेकिन यह ज्यादा लोगों को पसंद नहीं आई है

जीवन यापन के लिए जिसको जो काम मिला वह काम कर लिया। मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले ज्यादातर लोग डिलीवरी बॉय बन गए। इसी विषय पर नंदिता दास ने कपिल शर्मा को लेकर फिल्म ‘ज्विगाटो’ बनाई है। घड़ी कंपनी का एक मैनेजर हैं नौकरी जाने पर डिलीवरी बॉय का काम करने लगता हैं। पत्नी प्रतिमा चाहती है कि वह भी कुछ काम कर ले। दोनों के दो बच्चे हैं, स्कूल में पढ़ते हैं। घर पर बूढ़ी मां भी है। अब एक तरफ नौकरी का संघर्ष है। दूसरी तरफ परिवार की जिम्मेदारियों हैं और इन दो पाटों के बीच पिसती सी चलती है फिल्म ‘ज्विगाटो’ की कहानी।

यदि फिल्म की बात की जाये तो, बतौर निर्देशक नंदिता दास फिल्म ‘ज्विगाटो’ में अगर असफल नजर आती हैं तो इसकी वजह ये कि वह एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की अनुभूतियों को पर्दे पर वास्तवित तरीके से उतार पाने में कामयाब नहीं हो सकीं

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