Sankatmochan Sangeet Samaroh: पंजाब से एक धर्म से जुड़ी हुई चौकाने वाली खबर आ रही है। संकट मोचन संगीत समारोह के शताब्दी समारोह में पहली निशा में जसबीर सिंह जस्सी ने आधी रात के बाद दिल ले गई कुड़ी गुजरात दी और कोका कोका जैसे गीत सुनाएं हैं, लेकिन अब इस बारे में अखिल भारतीय संत समिति ने इस पर एतराज जताया है।
हनुमान दरबार में गूंजा गाना
अखिल भारतीय समिति के संत राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्र नंद सरस्वती ने इस पर एक बयान जारी करते हुए कहा है कि संकट मोचन मंदिर में इस तरह के गानों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनका यह प्रदर्शन स्वीकार नहीं किया है। मंदिर के महंत यदि हनुमान जी की सेवा नहीं कर पा रहे हैं तो महंत छोड़ देंगे कौन से हनुमान भक्ति हो रही है। इस बार कुल 13 मुस्लिम कलाकारी समारोह में आ रहे हैं कलाकारों से में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन क्या उनमें आत्मिक पवित्रता है यह भी देखना जरूरी है।
स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा, ‘इससे पहले गुलाम अली आए थे तो उनके गानों पर काफी विरोध हुआ। पूर्व के महंतों ने किसी भी फिल्मी कैरेक्टर को इस महान मंच पर जगह नहीं दी। पूर्व महंत पंडित वीरभद्र मिश्र ने तो सुप्रसिद्ध शास्त्रीय और फिल्मी पार्श्वगायिका कविता कृष्णमूर्ति को पांच मिनट के लिए भी गाने का मौका नहीं दिया था। वह दर्शक दीर्घा में ही बैठी रह गईं थीं।” पूर्व महंतों ने इसे हनुमान जी की आराधना उत्सव के रूप में शुरू किया था। अब इसके स्थान पर फूहड़ गानों का प्रचलन प्रारंभ होगा तो इसे हम अराधना नहीं मान सकते। और न यह स्वीकार किया जा सकता है।
उनका कहना है, की वर्तमान में जो हो रहा है, वह नैतिक दृष्टि से उचित नहीं है। उनको परंपरा तो अपने पूर्वजों की निभानी है। हमें कोई बैर नहीं है बस अपनी मर्यादाओं का ध्यान रखें।