न्यूज़ डेस्क। 14 जून को पूरे विश्व भर में लोगों के द्वारा हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है। विश्व रक्तदाता दिवस 2020 की थीम (Safe Blood Saves Lives) है, जो कि ‘रक्त दें और दुनिया को एक सेहतमंद जगह बनाएं, इस स्लोगन के साथ दुनिया भर में रक्तदान दिवस मनाया जा रहा है।
पिछले साल 2019 में सुरक्षित रक्त की सार्वभौमिक महत्व और आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान का नारा ” सभी के लिए सुरक्षित रक्त” है। विश्व रक्तदाता दिवस 2019 का मेजबान देश किगाली,रवांडा ने की थी ।
विश्व रक्तदाता दिवस 2018 का विषय ” रक्त हम सभी को जोड़ता है” कार्यक्रम की मेजबानी ग्रीस द्वारा की गई थी। विश्व रक्तदाता दिवस, प्रतिवर्ष 14 जून 1868 को एबीओ रक्त समूह की खोज के लिए नोबल पुरस्कार विजेता कार्ल लैंडस्टिनर के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है।

रक्तदान सबसे बड़ा दान
रक्त-आधान और रक्त उत्पाद आधान की जरुरत को पूरा करने के लिये विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है। ये अभियान हर साल लाखों लोगों की जान बचाता है और रक्त प्राप्त करने वाले व्यक्ति के चेहरे पर एक प्राकृतिक मुस्कुराहट देता है। रक्त-आधान लंबे और गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के लिये उन्हें प्रेरित करता है और कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी जीवन से जुड़े खतरों से पीड़ित मरीज को मदद प्रदान करता है। ये पूरे विश्वभर में ढ़ेर सारी जटिल मेडिकल और सर्जिकल प्रक्रिया को सुलझा देता है। रक्तदान करना एक नेक काम है. लेकिन हम में से बहुत कम लोग हैं जो रक्तदान के लिए आगे आते हैं. दरअसल बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्हें लगता है कि रक्तदान करने से उनकी सेहत पर असर पड़ता है. लोगों नें मनगढ़ंत ऐसी धारणाएं बनाई हुई हैं कि रक्तदान करने से शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाता है। किसी स्वस्थ्य व्यक्ति द्वारा एक बार रक्तदान करने के बाद अगला रक्तदान करने के लिए कम से कम 56 दिन या 8 सप्ताह का इंतजार करना पड़ता है। यदि आप किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हैं तो आपको रक्तदान करने से बचना चाहिये। रक्तदान न केवल अन्य व्यक्ति के जीवन को बचाता है, बल्कि यह रक्त देने वाले को स्वस्थ बनने में भी मदद करता है, इसलिए यह दोनों के लिए फायदेमंद है.
रक्तदान करने के है अपने फायदे:
- इस दान से हार्ट अटैक कि संभावनाएं कम होती हैं. क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है.
- खून का दान करने से वजन कम करने में मदद मिलती है. इसीलिए हर साल कम से कम 2 बार रक्तदान करना चाहिए.
- रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है. क्योंकि दान के बाद नए ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में तंदरूस्ती आती है.
- खून डोनेट करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है. शरीर में ज़्यादा आइरन की मात्रा लिवर पर दवाब डालती है और रक्तदान से आइरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है.
- आइरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है.
- डेढ़ पाव खून का दान करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज़ कम होती है.